नया वर्ष और हम

नया वर्ष नयी उम्मीदों को लेकर आया है। वो सारी उम्मीदें जो 2020 में डगमगायी थी उन्हें अब रास्ता मिलने की सम्भावना है। उम्मीदों और विचारों का बड़ा गहरा सम्बन्ध है। सकारात्मक विचार ,उम्मीदों को और मजबूत बनाते हैं और सकारात्मक विचार आत्मा की शुद्धता से मस्तिष्क में प्रवाहित होते हैं। यही हमें दृढ़ बनाते हैं।  पिछले वर्ष तमाम आशंकाओं के बीच भी हिंदी और साहित्य के प्रवाह में कमी नहीं आयी।  हमने साहित्य और तकनीकी का समन्वय देखा ,हमने कविता और सोशल मीडिया का समन्वय देखा। प्रवासी साहित्यकारों और भारतीय रचनाकारों का मिलाजुला जबरदस्त प्रयास देखा जो भविष्य में और भी कई रंग दिखाएंगे। यही कारण है कि हिंदी साहित्य के लिए आने वाला समय और सुखद होगा जिसकी शुरुआत 2021 से होगी। समय कितना भी कठिन हो बीत जाता है ,ऐसे ही 2020 भी बीत गया। बस बुरी बात कुछ न कुछ सिखा जरूर जाती है जो हमें 2020 भी सिखा गया और हमारा पुराना समय हमें याद दिला गया कि कैसे स्वच्छता का और अधिक ध्यान रखना है, दूरी से मिलना है पर दूर नहीं होना है।अब 2021 का स्वागत होना चाहिए। कोरोना वैक्सीन भी आ चुकी है ,जल्द ही इस बीमारी से छुटकारा पाने की मुहीम रंग लाएगी। 2020 में हमनें जो सपने अधूरे रह गये हैं उन्हें और अधिक ज़ोर शोर से 2021 में सच करना होगा। सोशल मीडिया अब वैश्विक हिंदी के प्रचार-प्रसार में सबसे यंत्र बन चुका है। इसका और बारीकी से उपयोग करना है ताकि वैश्विक स्तर पर हिंदी और साहित्य को मजबूत बनाने वाले साहित्यकारों के अभियान को बल मिले। यह तो हिंदी को लेकर नए वर्ष से उम्मीदें किन्तु हम मनुष्यों के लिए भी यह वर्ष सुखदायी होगा ऐसा मेरा ही नहीं हम सब का विश्वास है और ये विश्वास रंग लायेगा। जैसे जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं वैसे ही वैश्विक स्थितियों में भी परिवर्तन होता है। कोरोना का खत्म जल्द निकट है। तमाम बुरी शंकाओं को अब त्यागने का वक्त आ गया है। मिलजुल कर आगे बढ़ने का वक्त आ गया है। हिंदी की गूँज को और अधिक तेज़ी से गुंजायमान करना है ये बीड़ा हम सब को उठाना है।

हिंदी की गूंज से जुड़े सभी साहित्यकारों और पाठकों को 2021 की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।

आप सब के लिये एक नई और सुखद सूचना है कि हिंदी की गूंज का यूट्यूब चैनल तैयार है, जिस भी रचनाकार की रचना छपेगी उन सब से अनुरोध है कि अपनी रचना का विडियो बना कर भी भेजें, चाहे मेल करें या मेरे नम्बर पर +818038529320 पर अवश्य भेजें, उनकी रचनायें यूट्यूब पर भी अपलोड होंगी और दुनिया देखेगी और सुनेगी आप को।जिसकी रचना छपने से रह जाती हैं वो कृप्या मुझे सूचित करें और अपनी रचना की विडियो बना कर भेज दें हिंदी की गूंज को समर्पित करते हुए।

आप सब के सुझाव सादर आमंत्रित हैं

hindikeegoonj@gmail.com पर

आप की अपनी

  • रमा पूर्णिमा शर्मा,

जापान

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