पावस ऋतु
भीगे गाँव हमारे
भीगे चौबारे
*
सावन झूला
रिमझिम बुंदियाँ
झूलें गुइंयाँ
*
मेघ सींचते
प्रकृति और प्यार
राग मल्हार
*
बदरवा में
बिजुरी चमचम
धमकधम
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रजनीगन्धा
महके रातरानी
जूही दिवानी
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शेफाली गुच्छ
खिल उठते सुन
रागश्री धुन
– नीलम वर्मा