मीना अरोरा की दो लघुकथाएँ

एक्सपेरिमेंट

 

जूनियर डाक्टर सीनियर डाक्टर से:-“सर,आज जो नया पेशेंट आया है।उसकी भी वही हालत है जो दो दिन पहले मरने वाले मरीज की थी।”

सीनियर:-“मतलब,इसका भी हीमोग्लोबिन कम है। इस बार तुम पिछले वाले से एक यूनिट कम ब्लड चढ़ाना। पिछली बार ब्लड की मात्रा बढ़ने से ही मरीज की मौत हुई है।”

जूनियर:-“ठीक है सर,इस बार कम ब्लड चढ़ा कर देखता हूं। अगर यह वाला मरीज बच गया तो आगे से एक साथ बहुत सारा ब्लड नहीं चढ़ाया करूंगा।”

सीनियर डाक्टर हंसते हुए:-“अपने साथ वालों से इंटेलिजेंट हो ,तीन- चार  को ही टपका कर सीख जाओगे।”

 

समाज सेवा

 

समाज सेवी संस्था का हेड, कर्मचारियों को समझा रहा था कि:-” हर आपदा अवसर लेकर आती है। तुम्हें बस उसी अवसर को पकड़ना हैं।चूकना नहीं है यदि वे चूके तो दूसरी संस्थाएं बाजी मार लेंगी। फिर उनके द्वारा यह कहना गलत होगा कि…..

‘समाज सेवा का मेवा नहीं मिलता’।”

 

  • मीना अरोड़ा

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